Aam ka ped: Parichay, paramparik chikitsa me upyog or 8 mahatvapurn sawalo ke jawab

 गर्मियों का मौसम और प्राण सुखा देने वाली लू, लेकिन फिर भी अगर ऐसी कोई चीज है, जो गर्मी में भी आपको आनंद दे जाए, या जिसे अपनी हथेली पर पाकर आपकी आत्मा प्रसन्न हो जाए, तो वो है आम। जितनी अधिक गर्मी उतना मीठा आम। आम जो कि भारत का राष्ट्रीय फल है और जिसे फलों का राजा भी कहा जाता है, भारत में पाया जाने वाला एक सदाबहार वृक्ष है। जिसमें गर्मी के मौसम में मीठे मीठे फल लगते हैं और भारतवर्ष में देशव्यापी तौर पर सबसे अधिक पाए जाने वाले वृक्ष आम के होते हैं।

पुराने जमाने में आम को मित्रता का प्रतीक भी माना जाता था। यदि आपको किसी से कोई काम निकलवाना है तो आप उसे एक आमों की टोकरी भेज दीजिए, यह सबसे बढ़िया रिश्वत है। और जिसे लेने से कोई भी इनकार नहीं कर सकता। इतना खास होते हुए भी यह आम है साहब। शायद ही कोई ऐसा हो जिसे बचपन में आम से जुड़ी कहानियां और किस्से ना याद हो। आम हम सबके जीवन का एक अभिन्न अंग और यादगार पहलू है। आईए जानते हैं आम को।

Aam ka ped ka parichay

आम का वैज्ञानिक नाम मेंगिफेरा इंडिका है और यह Ancardiaceae परिवार का वृक्ष है। आम भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस का राष्ट्रीय फल है और बांग्लादेश का राष्ट्रीय वृक्ष है। आम भारत का मूल निवासी है और उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक उगाया जाने वाला वृक्ष है। जलवायु अनुकूलन इसका एक महत्वपूर्ण गुण है। इसलिए भारत के सभी हिस्सों में अधिक किस्म के आम आपको सुलभ है। भारत में आम की लगभग 1000 से ज्यादा किस्में उगाई जाती हैं। आम का पेड़ 50 से 100 फीट तक लंबा होता है। आम की पत्तियां गहरी हरी, नुकीली तथा चमकदार आभा को लिए होती हैं। आम का पेड़ बसंती रंग के गुच्छे दार फूल देता हैं। जैसे मोरिंगा के वृक्ष पर लगते हैं। जिन्हें मंजरी कहते हैं। मंजरी से अभिप्राय है। “फूलों का गुच्छा”। भारत में आम की महिमा का बखान प्राचीन शास्त्रों में भी वर्णित है। तथा धार्मिक अनुष्ठानों में आम के पत्तों को सम्मिलित करना शुभ माना जाता है।

आम से जुड़े कुछ प्रश्नों के उत्तर निम्न प्रकार से है:

Aam ka ped par kitni umra tak fal lagta hai?

आम के वृक्ष में 2 वर्ष में एक बार फल देने की समस्या पाई जाती है। यह एक अनुवांशिक समस्या है। और अभी तक इसका कोई कारगर उपाय नहीं निकल पाया है। साधारणतया आम के पेड़ से चार और पांच वर्ष के बाद फल लगना प्रारंभ होते हैं। और 12 से 15 वर्ष तक वृक्ष अच्छी मात्रा में फल प्रदान करते हैं। 40 साल पुराने वृक्ष से 1000 से 3000 तक आम प्राप्त किए जा सकते हैं। दरअसल कुछ परीक्षणों से ज्ञात हुआ है। कि वृक्ष की पत्तियों की भी फल के उत्पादन में अहम भूमिका है। क्योंकि फल पत्तियों में अवशोषित प्रकाश संश्लेषण द्वारा प्राप्त पोषक तत्वों से ही अपना विकास करते हैं। यदि वृक्ष सघन नहीं होता, और अधिक पत्तियों वाला नहीं होता तो 1 वर्ष तक फल इसी शक्ति का उपयोग करते हैं, उत्पादन के लिए। और अगले वर्ष वृक्ष अपनी शक्ति को संचित कर दूसरे वर्ष के लिए फलों के लिए तैयार होता है। इस कारण फलों के उत्पादन में अनियमितता  आ जाती है। वैसे वर्तमान समय में तो कुछ ग्राफ्टेड आमों  की किस्म तैयार की गई है। जो देखभाल करने पर 60,70 वर्षों तक फल प्रदान करते हैं।

Aam ke ped ki koun si durlabh prajatiya Bharat me payi jati hai?

आम अपने स्वाद और पौष्टिकता के लिए जाना जाने वाला फल है। तथा गर्मियों में सबसे ज्यादा खाया जाता है। भारत में आम की 1000 से भी ज्यादा किस में पाई जाती हैं। आईए जानते हैं कुछ दुर्लभ आम की प्रजातियों के बारे मे।

Taiyo no tamago mangoes 

यह भारत में पाया जाने वाला सबसे महंगा आम है। भारत के जबलपुर में संकल्प सिंह परिहार अपने 12 एकड़ के फार्म हाउस में इसकी खेती करते हैं। इस आम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2.70 लाख रुपए प्रति किलो है। अब आम तो वैसे ही आम है,और गुठलियों के भी दाम मिलते हैं। इसलिए चोरों की नजर उनके फार्म हाउस पर रहती हैं। कोई कलम चुराने की, तो कोई आम चुराने की फिराक में रहता है। इन आमों की सुरक्षा करने के लिए उन्होंने कुछ सुरक्षा गार्डों और कुत्तों को हाजिरी पर लगा रखा है। आम की यह प्रजाति जापान में पाई जाती है। जिसे “एग ऑफ़ द सन” कहा जाता है। इस आम का वजन 350 ग्राम के बराबर होता है।

Malgova

आम की यह किस्म मुख्य रूप से तमिलनाडु, केरल तथा दक्षिण भारत में उगाई जाती है। आम की इस प्रजाति को सबसे बेहतर माना जाता है। इस आम का वजन 300 ग्राम से 500 ग्राम का होता है। यह फल बहुत रसदार होता है।

Imam pasand aam

इमाम पसंद जैसे के नाम से ही ज्ञात है। यह राजघराने की पसंद वाला आम था। इस आम की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। और एक आम का वजन 800 ग्राम तक हो सकता है। यह मुख्यतया भारत में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में पाया जाता है। इस फल को “आमों का राजा” भी कहा जाता है।

Lakshmanbhog

आम की यह किस्म भारत के पश्चिम बंगाल में मालदा जिले में पाई जाती है। यह बहुत ही स्वादिष्ट और मीठा आम है।आम की इस किस्म के फल बहुत रेशेदार पाए जाते हैं। और यह देखने में नारंगी रंग का होता है।

Payri

पायरी आम महाराष्ट्र के कोकण जिले में गोवा, कर्नाटक आदि के तटीय इलाकों में पाया जाता है। यह एक सुगंधित आम की किस्म है। और यह आम लालिमा लिए हुए होता है।साधारणतया आम रस बनाने के लिए इस आम का प्रयोग अधिक किया जाता है।

Kya aam ke ped ke patto ka aushdhiy upyog hota hai?

आम की पत्तियों पर किए गए अनेक अध्ययनों से यह पता चलता है। कि आम की पत्तियां अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुणो से भरपूर होती है। आम की पत्तियों का उपयोग अनेक बीमारियों के इलाज में किया जाता है। आम की पत्तियों में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी माइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं।आईए जानते हैं आम की पत्तियों का उपयोग किन स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी है।

Madhumeh me upyog

आम की पत्तियों में टेनिन्स और एंथोसायनिन्स नामक तत्व पाए जाते हैं। जो खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं।

Pachan tantra ke liye labhkari

 आम की पत्तियां पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए प्रभावी औषधि है। और गैस्ट्रिक अल्सर जैसी समस्याओं में भी राहत प्रदान करती 

Dil ke swasthya ko banaye rakhna

आम की पत्तियां रक्त वाहिनियों को लचीला बनाती हैं। और कोलेस्ट्रॉल को कम करने का कार्य करती है।

Sans se sambandhit samasyaye 

अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सर्दी, जुकाम जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में आम की पत्तियों का उपयोग प्रभावी  है।

Sir dard or tanav me rahat

आम की पत्तियों का उपयोग शरीर को ठंडक प्रदान करता है। तथा सिर दर्द को रोकने में काम आता है। आम की पत्तियों के लेप से सर दर्द में आराम आता है।

Munh or danto se sambandhit samasyao me aram

आम की पत्तियों के उपयोग से मुंह से आने वाली दुर्गंध, मसूड़े की सूजन और संक्रमण में आराम मिलता है। दांतों को भी मजबूती मिलती है।

Aam ke beejo ka upyog kin paramparik upcharo me kiya jata hai?

आम के बीजों को सुखाकर, चूर्ण बनाकर अनेक पारंपरिक उपचारों में इसका उपयोग किया जाता है।

Gas ki samasya me aram

आम की गुठलियों से बने चुरण का उपयोग करके गैस, बदहजमी जैसी समस्या का उपचार किया जा सकता है। इसमें फिनोल व फेनोलिक तत्वों की बहुलता से की शरीर में पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त रखता है।

Dast or Diarrhea me rahat

 घरेलू उपचारों में दस्त जैसी समस्या होने पर आम की गुठलियों के चुरण के सेवन से तुरंत राहत मिलती है।

Madhumeh ki samasya se aram

आयुर्वेद के अनुसार आम की गुठली के चूर्ण का रोजाना एक चम्मच उपयोग करने से खून में शुगर का बड़ा हुआ स्तर नियंत्रित होता है।

Sir me Jue hone par aram

बच्चों या बड़ों के बालों में जुओं की समस्या होने पर आम की गुठली का चूर्ण, एक चम्मच नींबू के रस के साथ सर में मालिश करने से जुओं की समस्या से मुक्ति मिलती है।

Payriya or danto ki samasya me aram 

जिन्हें भी मसूड़े में खून आता है, या मसूड़े में सूजन रहती है। आम की गुठली का चूर्ण और आम के पत्तों का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर दांतों पर मलने से दांतों में खून आना, पायरिया, मुंह की दुर्गंध आदि समस्याओं में आराम मिलता है।

Aam ka ped kis prakar ke keeton or beeemariyon se prabhavit hota hai?

आम उष्णकटिबंधीय देशों में उगाया जाने वाला एक प्रमुख वृक्ष है। विश्व के बहुत से देशों में आम का उत्पादन होता है। परंतु भारत में आम को जो मान्यता प्राप्त है वह किसी दूसरे देश में नहीं है। विश्व में आम का सर्वाधिक उत्पादन भारत देश में होता है। और आम के पेड़, फूल और पत्ती और छाल और फल लगभग सभी हिस्सों में लगने वाले रोगों की वजह से आम के उत्पादन क्षमता में भारत पीछे रह जाता है। आम के पेड़ पर अनेक रोग लगते हैं ।इनमें फलों में सड़न,पौधों पर धब्बे, तने से गोंद निकलना, काली फफूंदी,  गुम्मा रोग, पाउडरी मिल्ड्रयू ,ब्लैक टिप आदि कई रोग है।

Aam ka ped konsi etihasik or pouranik kahaniyo se juda hai?

आम से जुड़े कई किस्से और कहानियां भारतीय इतिहास में दफन है। भारत में जन्मे और भारत में आने वाले विदेशी भी आम के जादू से बच नहीं पाए। कल मैनें  लेखक सपन जोशी का आम पर एक पॉडकास्ट सुना। उससे संबंधित कुछ रोचक तथ्य भी निम्नलिखित रूप से प्रस्तुत कर रही हूं।

Aam ka ped

Kalidas or aam ka ped

महान कवि कालिदास ने अपनी रचनाओं में आम की तुलना कामदेव के बाणों से की है। इसकी मिठास चखने के बाद जैसे प्रेमी को अपने वशीभूत कर लेने की क्षमता आम में पाई जाती है। कवि अगर मिठास और रस व सुगंध की उपमाए देंगे तो आम का अवश्य नाम आएगा।

Bahadur Shah zafar or Mirza Galib 

भारत में आमों के बगीचे मुगलों के आने के बाद ही स्थापित हुए, इसी तरह  का एक किस्सा है।  जब बहादुर शाह जफर और मिर्ज़ा ग़ालिब आम के बगीचे में घूम रहे थे, तो मिर्ज़ा ग़ालिब बार-बार आम के पेड़ को ऊपर की ओर सिर करके ताक रहे थे। क्योंकि उनकी हिम्मत नहीं थी कि वह बादशाह से आम की मांग कर सकें। बहादुर शाह जफर ने इसे गौर में लिया और उन्होनें ग़ालिब से पूछा क्या बार-बार आम की तरफ क्यों देख रहे हैं? तो गालिब ने कहा कि, हुजूर कहा जाता है कि दाने-दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम। मैं आम पर अपने बाप दादाओ का नाम ढूंढ रहा हूं। यह सुनने के बाद बहादुर शाह जफर ने उनके घर आमों की टोकरिया भिजवाई।

Budhh dharma or aam

लेखक सपन जोशी के अनुसार बौद्ध धर्म के प्रचार में आम का उपयोग किया गया। बुद्ध का जीवन ज्यादातर आम के जंगलों में ही कटा। जिन्हें अमराई कहा जाता था। जातक कथाओं में बुद्ध को अपनी आध्यात्मिकता का संदेश देने के लिए आम से बहुत मदद मिली। वे आम के वृक्षों के नीचे बैठकर ही अपने अनुयायियों को शिक्षा प्रदान करते थे। बौद्ध भिक्षु जहां भी बौद्ध धर्म का प्रचार करने जाते थे। अपने साथ आम अवश्य ले जाते थे। शायद आम पाने के लोभ में साधारण  लोग उनकी बात सुनते होंगे, और जिसे समझ आता होगा वह प्रभावित होकर बौद्ध धर्म को ग्रहण करते होंंगे। 

Smarat Ashok or Aam

मौर्य सम्राट अशोक ने अपने काल में आम के वृक्ष लगवाए थे। उनका उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित करना व जन मानस को छाया उपलब्ध करवाना था।

लेखक खुशवंत सिंह से एक बार किसी ने पूछा जब उनकी आयु क्या है? तो उन्होंने कहा कि मेरी उम्र 94 साल है, पर मैं 92 ही मानता हूं। क्योंकि 2 साल मैंने आम नहीं खाये, इसलिए उन 2 सालों को मैं नहीं गिनता। आम के फलों के प्रति दीवानगी इसमें साफ झलकती है। शेर और शायरी में अपने जज्बातों को बताने के लिए भी आम का उपयोग किया जाता था सागर खायमी का एक शेर है

आम तेरी यह खुशनसीबी है 
वरना लंगडो पर कौन मरता है

Bharat ke kis kshetra ka aam meetha mana jata hai or kyu?

भारत में आम की अनेक मीठी किस्म के फल उपलब्ध हैं। किसी एक का चयन करना कठिन है। परंतु अल्फांसो को आम में सर्वोत्तम माना जाता है। इसका सुडौल आकार और रस भरा गुदा चीनी जैसी मिठास लिए होता है। इसीलिए इसे “आमों का राजा” की उपाधि प्राप्त है। अल्फांसो महाराष्ट्र के रत्नागिरी, रायगढ़ और सिंधु दुर्ग जिलों में उत्पादित होता है।इस क्षेत्र की जलवायु, भरपूर धूप और मध्यम दर्जे की बारिश आम की गुणवत्तापूर्ण खेती को और भी बढ़ावा देती है।

Aam ke ped ko lagane liye upyukt jalwayu koun si hai?

आम के पेड़ को साधारणतया सभी क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। पर ध्यान रखने वाली बात यह है। कि जहां आम की खेती की जाए, वहां ज्यादा नमी ना रहती हो। आम को गर्मी चाहिए।जब आम पर फूल और फल आये बारिश की संभावना न हो। जहां अच्छी बरसात और शुष्क गर्मी पड़ती है। आम को यह मौसम पसंद है। जब फूल और फल आते हैं। जब चक्रवात जैसी हवाएं आम के वृक्ष को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

 
 
 

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