Saturday, October 25, 2025
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बबूल के 10 औषधीय उपयोग 

बबूल जो की भारतीय परम्परा में अपने औषधीय गुणों की वजह से जाना जाता है।थार में पाया जाने वाला लोकप्रिय और बहुउपयोगी पेड़ है।

वैसे माने तो भारत दो हिस्सों में बटा है। एक  हिस्से में शहर के कंक्रीट के जंगल में रहने वाले लोग है।शिक्षित हैं,उन्हें ये पता है। छोटी सी भी चोट लगी तो सिर्फ डॉक्टर के पास भागना है। मतलब सही भी है!जाना भी चाहिए।

और एक तरफ गाँव में पलता सादा जीवन,जहाँ वैध होते है। पुराने लोग,प्रकृति और अनुभव 

गांवों में लोगों को पता होता है।कि रोग को बढ़ने ही नहीं देना है,तो किस पेड़ की छाँव में बैठना है। 

बबूल ऐसा ही साधरण सा दिखने में तो काँटों से भरा है। लेकिन इसकी छाल,पत्तियाँ,गोंद और फलियाँ सभी,अपने आपमें चलता,फिरता सरल और आसानी से उपलब्ध हो जाने वाला उपचार है।आइए इस ब्लॉग में जानते हैं। बबूल के औषधीय उपयोग। 

आयुर्वेद में बबूल का उल्लेख कहाँ मिलता है?

बबूल के औषधीय उपयोग का अगर अध्ययन किया जाए,तो हालांकि आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथो,चरक सहिंता में बबूल का उल्लेख नहीं मिलता।लेकिन हाँ निघंटु ग्रन्थ,जिनमें रोगों का निवारण करने वाले पेड़ पौधों के बारे में लिखा गया है। 

इसे आप एक पौधों की डिक्शनरी की तरह जानिए, जिसमें नाम और गुणों के आधार पर पौधों को बांटा गया है।  

वहाँ जरुर बबूल के स्वास्थ्य लाभ के बारे में खुल कर चर्चा की गई है। 

बबूल-गोंद-गम-अरबी

इन्ही ग्रंथों में बबूल के अन्य संस्कृत नामों  जैसे कंटकी(तीखे काँटों वाला होने के कारण)

मालाफल(फलियों का माला के आकार में होने के कारण)

पीतपुष्प(पीले फूल होना)

सूक्ष्मपत्र(छोटे और बारीक पत्ते)आदि नाम दिए गए हैं।

भावप्रकाश निघंटु,राज निघंटु,शोधहला निघंटु आदि ग्रंथो में बबूल के गुणों के बारे में व्यापक जानकारी मिलती है। 

बबूल की छाल का औषधीय उपयोग क्या है?

बबूल के पेड़ पर किये गए अनगिनत अध्ययनों से अंदाज़ा लगा सकते हैं। कि यह पेड़ कितने चमत्कारी गुणों से भरपूर है। 

बबूल के छाल के चिकित्सीय गुणों के बारे में एक प्रमुख लाभ है।  कि इसकी छाल में 20 प्रतिशत टेनिन का पाया जाना।

जनरल ऑफ़ फार्मास्युटिकल नेगेटिव रिजल्ट्स 2022,पर प्रकाशित शोध के अनुसार बबूल के पेड़ की छाल में पाया जाने वाला टेनिन,तेजी से घाव को भरने में प्रभावी है।

दरअसल टेनिन त्वचा के रोमछिद्रों को सिकोड़ देता है।जिससे  खून बहना तुरंत बंद हो जाता है। 

इसके अलावा बबूल के छाल में सूजनरोधी,एंटीओक्सिडेंट,फ्लावोनोइड्स, पॉलीफेनोल,गैलिक एसिड तत्व पाए जाते हैं।

जो शरीर के विभिन्न रोगों में सरल चिकित्सा प्रदान करते हैं। 

पबमेड पर प्रकाशित वैज्ञानिक शोध के अनुसार यह सिद्ध होता है। कि बबूल की छाल का अर्क दस्त और डायरिया जैसी बिमारियों के इलाज में तुरंत लाभ देता है। 

बबूल की फलियाँ जिन्हें मालाफल कहा जाता है

बबूल की गोंद (Gum Arabic) का क्या महत्व है?

गम अरबी,जिसे बाबूल की गोंद या बबूल की गोंद भी कहते है। बबूल के पेड़ की शाखाओं से निकाला जाने वाला द्रव्य है। जो हवा के संपर्क में आ कर सख्त हो जाता है।

यह कैल्शियम,मैग्नीशियम,प्रोटीन से भरपूर होता है। बाद में इसी का उपयोग दवाओं के लिए किया जाता है। 

निरंतर होने वाले वैज्ञानिक अध्ययन यह साबित करते हैं। कि गम अरबी का उपयोग रोगों की रोकथाम और निवारण के लिए किया जा सकता है। आइए जानते हैं गम अरबी के फायदे। 

Pubmed पर प्रकाशित शोध के अनुसार,चूहों पर किए गए अध्ययन से यह प्रमाणित हुआ कि गम अरबी का प्रयोग शरीर में वसा को बढ़ने से रोकता है। 

मोटापे को नियंत्रित करता है। इसके उपयोग से शरीर में कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में मदद मिली,और लाभकारी बैक्टीरिया बढ़े जिन्होंने पाचन तंत्र को मजबूत किया। 

परंपरागत रूप से मौखिक शुद्धता को बनाये रखने के लिए भी गम अरबी का उपयोग किया जाता रहा है। इसे खाने से मुँह में हानिकारक बैक्टीरियाओं का खात्मा हो जाता है।मसूड़े भी मजबूत होते हैं। 

हमारे यहाँ नव प्रसुताओं को 40 दिन तक अलग अलग देसी दवाइयाँ खिलायी जाती हैं। जैसे सबसे पहले अजवाईन फिर लोद और सबसे अंत में खिलाये जाते हैं। गोंद के लड्डू, ऐसी मान्यता है।कि इससे पेट में ठंडक बढती है। 

माँ के दूध से पोषण बच्चे को भी मिलता है।और उसका मल बंध जाता है। यह दस्त रोकने में भी कारगर है। 

इसके अलावा गम अरबी का उपयोग रंगों को बनाने में,स्याही के निर्माण में,पेंट बनाने में,सिरेमिक की परत बनाने में,मिठाइयों पर लेप लगाने में

कैंडीज के निर्माण,मेकअप उत्पाद बनाने आदि में काम में लिया जाता है। यह सभी ऑनलाइन मंचो पर आसानी से उपलब्ध है। 

बबूल की पत्तियों और फलियों का उपयोग कैसे होता है?

कीकर की पत्तियाँ और फलियाँ अपने औषधीय महत्त्व के लिए जानी जाती हैं। आयुर्वेद में और पौधों के शब्दकोष निघंटु में बबूल की तासीर ठंडी बताई गई है। 

बबूल की फलियों के लाभ के बारे में अगर बात की जाए तो इन फलियों और पत्तियों में  होमोस्टैटिक, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रचुरता से पाए जाते हैं। 

साधारण शब्दों में कहे तो इनका उपयोग शरीर को इन्फेक्शन के ख़तरे से बचाता है। 

कीकर की फलियों और पत्तियों का उपयोग भारत में पशु आहार में व्यापक स्तर पर किया जाता है। 

इनके सुपाच्य और पाचन को सुधारने वाले गुणों की वजह से यह पशुओं के स्वास्थ्य में भी लाभकारी है। 

बबूल के औषधीय उपयोग

बबूल पर आधुनिक रिसर्च क्या कहती है?

आधुनिक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार बबूल एक छाया प्रदान करने वाला वृक्ष ही नहीं है।

बल्कि इसका अवर्णनीय औषधीय महत्त्व  भी है। इसके पत्तों,छाल,और फलियों में टेनिन,फ्लेवेनोइड्स,पोलीफिनोल जैसे महत्वपूर्ण मेडिसिनल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं।

जो की एंटीफंगल,एंटीओक्सिडेंट और एंटीबैक्टीरियल प्रभावों से युक्त हैं। 

Pubmed पर प्रकाशित शोध के अनुसार अकेसिया निलोटिका के अर्क में प्राप्त एंटीओक्सिडेंट तत्व मोटापे को बढ़ने से रोकने में प्रभावी है। 

बबूल पर आधारित इस रिसर्च के अनुसार,इसमें पाए जाने वाले तत्व शरीर में जीवाणुरोधी गतिविधियों को रोकने में सक्षम है। 

निष्कर्ष 

रेगिस्तान और शुष्क इलाकों में पाए जाने वाला ये पेड़ अपने आपमें अनेक औषधीय गुणों की खान है।और वैज्ञानिको के शोध विषय का केंद्र है।काँटों से भरा ये पेड़ अपने हर अंग में अनेक रोगों की दवा समेटे हुए है। चाहे वह फूल हो पत्तियाँ या फिर छाल,इससे निकलने वाले गोंद की भी बाज़ार में बड़ी मांग है। बबूल की उपयोगिता को समर्पित इस ब्लॉग की जानकारी आपको पसंद आए,तो मित्रों से भी साझा करें। ब्लॉग में प्रस्तुत जानकारी रिसर्च पर आधारित है। उपयोग से पहले किसी प्रशिक्षित वैध की सलाह अवश्य लें। 

सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न

बाबूल की छाल का क्या उपयोग है?

बबूल की छाल का उपयोग घाव को भरने,दांतों को साफ करने और दस्त रोकने के लिए किया जाता है

क्या बाबूल की गोंद (गोंद बबूल) सेहत के लिए फायदेमंद है?

हाँ,बबूल के गोंद का उपयोग शरीर को ठंडक देने के लिए खासतौर पर लड्डुओं में किया जाता है,इससे पाचन भी 
सुधरता है

क्या बाबूल से कोई नुकसान भी हो सकता है?

हाँ,अधिक मात्रा में सेवन से एलर्जी और कब्ज की शिकायत हो सकती है उपयोग से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें

सन्दर्भ

गम अरबी https://www.britannica.com/technology/gum-arabic

बबूल के औषधीय गुण https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6155900/

Prakriti ke sathi
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"प्रकृति के साथी" में आपका स्वागत है! यह ब्लॉग प्रकृति, पर्यावरण और अद्भुत पौधों की रोचक कहानियों का खजाना है। हमारा लक्ष्य है प्रकृति के अनजाने पहलुओं को उजागर करना और आपको इसके करीब लाना। आइए, साथ मिलकर धरती की खूबसूरती को और गहराई से जानें!
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