Gamle Me Faldar Poudhe Kaise Lagaye- Asan Guide

बागवानी के चहेते कई लोगों को यह चाहिए होता है, कि वह अपने फल और सब्जियां स्वयं घर पर  उगाएं।क्या आप भी उनमें से एक है?

गमले में आप फलदार पौधे कैसे उगा सकते हैं? इसके लिए फलदार पौधों की बौनी किस्में अधिक प्रभावशाली होती है,जो कि आपको कम समय में  ही अधिक फल प्रदान करने की क्षमता रखती हैं। और आपको ज्यादा देखभाल भी नहीं करनी पड़ती। 

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि घर पर गमले में फलदार पौधे कैसे उगाएं?, और उनकी देखभाल कैसे करें?

अपने घर में गमले में फलदार पौधों को लगाने के लिए  आपको अपने अपने प्रदेश की जलवायु का ज्ञान होना आवश्यक है। 

यदि आप ठंडे प्रदेशों में रहते हैं। तो आप सेब और चेरी जैसे फलों की किस्म का चयन कर सकते हैं। क्योंकि ये फल ठंड को झेल सकते हैं।और यदि आप गर्म प्रदेशों में रहते हैं। तो आप एवोकाडो ,अनार ,आम आदि फलदार पौधों का चयन कर सकते हैं।

जो आपको अच्छी पैदावार देंगे और लंबे समय तक चलेंगे।

Gamle Me Faldar Poudhe Lgane Ke liye Beej Ya Cutting Kiska Istemal ka?

 गमले में फलदार पौधों को उगाने के लिए दो महत्वपूर्ण तरीके हैं।

Beej Se Pouha Lagana

बीज से पौधा लगाने का तरीका सस्ता है। लेकिन यह फल देने में अधिक समय लगता है।लगभग 6से 8 साल में पौधा फल देने लगता है।

Grafting Se Poudha Lagana

ग्राफ्टिंग से लगाये हुए पौधे रोपने के दिन से 5 साल में फल देने लग जाते हैं। जो की बीजों से उगाये जाने की तुलना में पहले उत्पादन  देते है।

Gamle Me Lagaye Jane Wale Faldar Poudhe Ki Kismen 

 aap ghar me gamle me  ya hanging  pots me blue berry ka faldar poudha laga skte hai

1 Seb Ka Ped

सेब के फलदार पौधे को लगाने के 2 साल के भीतर ही फल प्रदान कर सकते हैं। इनमें लगाए जा सकने वाली कुछ किस्म है। हनीक्रिस्प  ग्रेनीस्मिथ, गाला।

लेकिन सेब की बौनी किस्म के पेड़ लगाने के लिए ध्यान रखने वाली बात यह है फल प्राप्त करने के लिए आपको स्वयं परागण वाले पौधे को खरीदना चाहिए।

2 Khatai Wale Boune Ped

नींबू, संतरा और अंगूर आप आसानी से अपने घर के कंटेनर्स में उगा सकते हैं। कोशिश कीजिए उन्हें रोजाना 8 घंटे की धूप दिखाएं, और ठंड के मौसम में ढक कर रखें।

3 Cherry Ke Boune Ped

चेरी के बौने पेड़ भी आपके गमले में लगाने के लिए फलदार पौधों के लिए एक उपयुक्त चयन हो सकते हैं। लगभग 6 घंटे के लिए सूर्य का प्रकाश और इन्हें बार-बार पानी की आवश्यकता होती है। अगर आप स्वयं परागण वाला पौधा खरीदते हैं, तो ही आपको फल मिलेंगे या चेरी का एक और पेड़ अपने गमले में लगाईए।

4 Mangifera Indica

मीठे और गुदेदार आम कि फलों के पौधे आप अपने घर के गमले में लगा सकते हैं। आपको इन्हें  ठंड से बचाने के प्रबंध करने होंगे, और सूर्य का प्रकाश 6 से 7 घंटे के लिए देना होगा। यह  स्वयं उपजाऊ पेड़ होते हैं।

5 Washington Nabhi Santra


संतरे के यह पौधे स्वयं उपजाऊ होते हैं। और इन फलदार पौधों को आप आसानी से अपने घर के गमले में लगा सकते हैं। इस प्रकार के संतरो में बीज नहीं होते। और यह खाने में भी स्वादिष्ट लगते हैं।

6 Kali Shahtut

काली शहतूत के फलदार पौधे गमले में लगाइए, और उनके स्वादिष्ट और मीठे फलों को का स्वाद लिजिए। इस शहतूत की लंबाई 2 फीट से 10 फीट तक हो सकते हैं। और यह पौधे स्वयं उपजाऊ होते हैं।


Gamle Me Faldar Poudhe Ki Dekhbhal Kaise Karen?

गमले में फलदार पौधो की देखभाल करने के लिए आप निम्न पॉइंट्स का ख्याल रखे ,तो पौधे की अच्छी वृद्धि और रसीले फलो की प्राप्ति कर सकते हैं।

Gamle Ke Uchit Akar Ka Dhyan Rakhna

घर पर फलदार  पौधों को लगाने के लिए आपको कम से कम 18 इंच के गमले का प्रयोग करना चाहिए, ताकि पौधा अपनी जड़ों को उसके अंदर अच्छे प्रकार से फैला सके।और अपनी पूर्ण संतुलित वृद्धि को प्राप्त कर सके।

जब शुरुआती दो-तीन सालों में जब पौधा अपना आकर ले रहा हो, तो कुछ समय के अन्तराल से आप पौधो को दूसरे गमलों में स्थानांतरित करते रहे।

Kis Prakar Ke Gamle Ka Use Kare

गमले में फलदार पौधे लगाने के लिए आप सेरेमिक के गमले का इस्तेमाल कर सकते हैं। या प्लास्टिक या टेराकोटा के गमले का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। प्लास्टिक गमलें या बरतन हल्के होते हैं।और घर में आसानी से मिल भी जाते हैं। लेकिन ठंडी जलवायु के समय यह जल्दी गर्म हो सकते हैं। और उनके फटने की भी संभावना होती है। और लकड़ी से बने हुए बर्तन भी समय के साथ सड़  सकते हैं। तथा उनमें कीटों तथा रोगों के उभरने की आशंका होती है।

Jal Nikasi Ki Uchit Vyavastha

गमले में उचित जल निकासी की व्यवस्था करें उसके लिए गमले में छेद होना चाहिए ।और हवा के संचार को बढ़ाने के लिए आप गमले में नीचे की परत में कंकर और  बजरी का मिश्रण भी डाल सकते हैं।ताकि अधिक पानी को गमले से बाहर निकाल दे ।जो कि पौधों की जड़ों को सड़ने से बचाएगा।


Gamle Me Faldar Poudhe Ki Katai Chhatai Se Sambandhit Dhyan Rakne Yogya Bate

गमले में फलदार पौधों की देखभाल के लिए उनकी छटाईं  नियमित और उचित समय पर करना भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। बसंत ऋतु के आरंभ में या फिर सर्दियों के खत्म होने के समय आप इन पेड़ों की छटाईं कर सकते हैं। और उनके आकार को सही दिशा प्रदान कर सकते हैं।

सूखी और रोग लगी हुई टहनियों को काट दें। सड़े हुए फलों को भी की भी कटाई कर दें। इससे पौधे की भी बीमारियों से सुरक्षा होती है।

banana ki bouni kism ka poudha aap aaram se gamle me laga sakte hai.yah kich hi samay me aplo fal dene lagega.

Faldar Poudhe Ki Sinchai Me Dhyan Rakhne Yogya Bate

फलों की मिठास को बरकरार रखने के लिए उनकी सिंचाई करते वक्त भी कुछ बातों का ख्याल रखना आवश्यक है। इसमें कुछ महत्वपूर्ण तकनीक शामिल है। जैसे की पौधे की वृद्धि को बनाए रखने के लिए पौधे को सुबह और शाम अच्छे से भरपूर पानी दें। फलों के पकने के समय के दौरान पौधों को थोड़ा कम पानी दें। और मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए मल्चिंग का प्रयोग करें, आवश्यकता से अधिक पानी न दें। और सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें।

Kidon Or Poudho Ki Bimariyon Se bachav

पौधो को कीटों से सुरक्षित रखने के लिए पौधो का निरिक्षण करते रहें।कीटों की समस्या होने जैविक तरल का छिडकाव कर सकते हैं। कीटों को हरी मिर्च और लहसुन की खुशबु पसंद नहीं होती, आप इनका पेस्ट बनाकर पानी में मिला कर पौधो के उपर छिड़काव कर सकते है। साबुन के पानी का छिडकाव और नीम के तेल का स्प्रे भी कीटों को दूर करने में मदद करेगा।

 घर पर नीम का कीटनाशक बनाएं।

Prakritik Khad Ka Upyog

फलों की बौनी किस्म वाले पौधों के लिए बड़े कंटेनरों का या बड़े गमले का उपयोग करें जिसमें पौधों की जड़ों को फैलाने के लिए उपयुक्त स्थान मिले। और उन्हें वर्मीकुलाइट जैसे पोषक तत्वों का उपयोग करें ताकि उनकी वृद्धि में सहायता मिले।2 से 3 महीने में उन्हें किसी भी प्रकार की जैविक खाद देते रहें। और दो या तीन सप्ताह पर किसी तरल उर्वरक का प्रयोग करना बेहतर होगा।

Falo Ki Mithas Badhane Ke is a Prakritik Upay

आप कुछ प्राकृतिक उपायों का उपयोग कर फलदार पौधों में शर्करा के उत्पादन और संचय को बढ़ावा दे सकते हैं। इसके लिए आप समुद्री शैवाल के अर्क अमीनो एसिड का उपयोग कर सकते हैं।जिसमें पौधे के लिए गुणकारी सूक्ष्मजीव होते हैं। जो फलों के स्वाद में वृद्धि करते हैं।

  • पौधों की समय-समय पर छटाईं  करते रहें।
  • पौधे की जो शाखाएं जो टूट चुकी है। या पत्ते जो पीले हो चुके हैं। उन्हें नियमित रूप से हटाते रहे।
  • सही समय पर  पौधो पर से फलों को तोड़ना
  • उचित समय पर पेड़  से फलों को तोड़ना भी फलों की मिठास और गुणवत्ता को प्रभावित करता है।अगर आप सही समय पर फलों को नहीं तोड़ते तो उनके मीठे स्वाद और सुगंध में फर्क पड़ सकता है।
  • खुबानी,नाशपाती, बेर और चेरी ,अंगूर यह कुछ फल ऐसे हैं ।जो पौधे से तोड़ने के बाद भी पके रहते हैं।  इन फलों को तभी तोड़ा जाना चाहिए जब यह ठोस हो।
  • जबकि अंगूर ,खरबूजे,केले,नींबू और संतरे ऐसे फल है, अगर आप इन्हें तोड़ ले तो यह फिर बाद में नहीं पकते, इन्हें उस स्थिति में तोड़ना चाहिए जब यह पूरी तरीके से पक गए हो। और मीठे हो गए हों।

Gamle Me Fadar Poudho Ki Sinchai Ke Liye  DIY Tools

Drip irrigation गमले में लगाए गए पौधों के लिए एक प्रभावी और असरदार तकनीक है। घर में ही पाए जाने वाले छोटी-छोटी चीजों से आप कुछ युक्ति बना सकते हैं। जो पौधों को धीमे-धीमे पानी प्रदान करती रहे।

इसके लिए आप एक लीटर या 2 लीटर की प्लास्टिक की बोतल ले सकते हैं। और उसके तले में 5,6 छेद कर सकते हैं। उस बोतल को ऊपर से पानी से भरे और ढक्कन बंद करके अपने गमले में सीधा रख दें। इससे आपके पौधों को धीरे-धीरे पानी का पोषण मिलता रहेगा। यदि आप बाहर जा रहे हैं। तो भी आपकी अनुपस्थित में सिंचाई का यह तरीका आपके पौधों को पोषण प्रदान करेगा।

Nishkarsh

शहरी बागबानी में अपने घर में गमले में फलदार पौधों को लगाना धीरज तथा मेहनत वाला चुनाव हो सकता है। लेकिन यदि आप पौधों की उचित देखभाल करें समय-समय पर कीट प्रबंधन और कटाई छटाई करते हुए पौधों का उचित पोषण प्रदान करें। तो आप कम समय में ही फलों का उत्पादन ले सकते हैं। जलवायु के अनुरूप ही फलदार पौधों को गमले में लगाना एक उचित चयन होता है। जैविक कीटनाशक और जैविक खाद्य प्रयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार लाकर उसे उपजाऊ बनाया जा सकता है। आपने अपने घर के बगीचे में गमले में कौन से फलदार पौधे लगाए हैं? कमेंट में जरूर बताइए।


References

bouni kism ke poudhe gamle me kaise lagayehttps://www.agrifarming.in/popular-dwarf-fruit-varieties-grow-easily-in-containers-full-guide-for-beginners#soil-and-fertilizer-requirements-for-dwarf-fruit-varieties

beejo ki tulnA me grafting kab faldayi haihttps://www.agrifarming.in/fruit-trees-grafting-techniques-methods-ideas

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