Wednesday, June 4, 2025
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उठी हुई क्यारियों में बागबानी:ताजी भाजी उगाने का सरल तरीका

(Raised Bed) उठी हुई क्यारी में सब्जियां उगाना एक सुविधापूर्ण तरीका हो सकता है।

उठी हुई क्यारियों में बागबानी कम जगह में अधिक पौधो के रोपण और सामान्य समस्याएं जैसे कीटों से बचाव और खरपतवार से निपटने की दिक्कत में कारगर साबित होती है।

वर्तमान समय में खासकर शहरों में लोग जहाँ कम जगह की समस्या से जूझ रहे है। छतों पर बागबानी एक संस्कृति का रूप धारण कर रही है। 

और हो भी क्यों न,अच्छे स्वास्थय पर सबका अधिकार है।यदि आपकी बालकनी और छत पर जगह है।तो इस रचनात्मक पद्दति को घर में सब्जियां उगाने के काम में लाया जा सकता है। 

परिचय:उठी हुई क्यारियों में बागबानी से क्या अर्थ है?

उठी हुई क्यारी जमीन से ऊपर उठे हुए मिट्टी के बिस्तर होते हैं। ऐसा समझिए जैसे घर पर छोटे छोटे खेतो की एक श्रृंखला ये चौकोर और लम्बे होते हैं,लेकिन धरातल से ऊपर उठे हुए।

भारत में लैंडस्केपिंग और बंगलों के सौन्दर्यीकरण के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता था।अब एक प्रभावी घरेलू बागबानी तकनीक के रूप में प्रचलित हो रहा है। 

भारत में बागबानी में उठी हुई क्यारियां क्यों बेहतर है?

  • भारत में मौसम और मिट्टी की संरचना में समय समय पर बदलाव बागबानी में एक चुनौतीपूर्ण समस्या है।ऊंची उठी हुई क्यारियां इसमें टिकाऊ समाधान साबित होती हैं।
  • Raised beds बागबानी में क्यारियों की शानदार संरचना पानी के अत्यधिक जलभराव को रोकती है। 
  • जमीन पर पौधे लगाने की तुलना में व्यवस्थित जगह मिलती है।मिट्टी में खरपतवार आसानी से पनप सकते है।सतह से ऊपर होने के कारण कीटों और खरपतवार की दिक्कत से छुटकारा मिल जाता है। 
  • जिन्हें घुटनों,कमर के दर्द की समस्या है।उम्रदराज़ और दिव्यांग व्यक्ति भी आसानी से बागबानी कर सकते हैं। 
  • साथी रोपण की बढ़ावा दे कर प्राकृतिक रूप पौधों को कीटों से बचाया जा सकता है।जैविक बागबानी का अच्छा उदाहरण।
उठी हुई क्यारियों में बागबानी करने के उपकरण

घर पर उठी हुई क्यारी कैसे बनाएं?

ऊँची उठी हुई क्यारियों में बागबानी करने के लिए इनके निर्माण में कुछ विषयों का ध्यान रखना आवश्यक है।यहां कुछ बेस्ट मटेरियल फॉर क्यारी दिए हुए हैं।

आप टेरस गार्डनिंग में इन विधियों का उपयोग करके कम जगह में ज्यादा सब्जियां,फल,फूल उगा सकते हैं। 

  • Raised Bed बनाने के लिए ऐसी जगह का चुनिए जहाँ 5 से 6 घंटे की धूप पौधो को सुगमता से मिल सके।
  • ऊँची उठी हुई क्यारियों में बागबानी के लिए आप ईंटों का फ्रेम तैयार करवा सकते है,शीशम और टीक की लकड़ी से भी इसे तैयार किया जा सकता है। 
  • पुरानी हो चुकी सिंटेक्स की टंकियों को आधा काटकर भी आप काम में ले सकतें हैं।
  • पुराने प्लास्टिक के ड्रमों को आधा काटकर भी उंचे बिस्तर तैयार किये जा सकते हैं। 
  • पुराने समतल आकार के डब्बों को रीयूज कर सकते हैं।ट्रेलिस को बेड में लगा कर बेल वाली सब्जियों को  ऊपर उठने के लिए सपोर्ट दे सकते हैं।
  • बागबानी में संलग्न सभी अभ्यासों को आप आसानी से कर सकें, इसके लिए जरुरी है आप क्यारियों की चौड़ाई 4 फीट से ज्यादा न रखें। अन्यथा आपको अपनी फसल तक पहुंचने में असुविधा होगी। 
  • ऊँची उठी हुई क्यारियां बनाने के लिए कितनी लम्बाई होगी इसे आप अपने पास उपलब्ध जगह के हिसाब से रखे 12 या 18 इंच गहरे बेड बनाइए । 
  • इतनी गहरे वाली क्यारियों में आप लगभग सभी प्रकार की सब्जियां,मेडिसिनल प्लांट्स और फलदार पौधे उगा सकते हैं। इतनी गहरे में पौधो की जड़ों को फैलने के लिए जगह की अच्छी व्यवस्था होगी। 
  • मिट्टी बनाते समय इस बात का ध्यान रखे की मिट्टी ऐसी हो जो सिंचाई के बाद ज्यादा पानी को बाहर निकाल सके और वजन में भी भारी न हो।  
  • इसके लिए आप मिट्टी,वर्मिकुलाइट और पर्लाइट का मिश्रण तैयार करें,जो मिट्टी में पर्याप्त ऑक्सीजन और जल निकासी की व्यवस्था को सुनिश्चित करेगा।
  • छत पर ऊंची उठी हुई क्यारियों में बागबानी करने के लिए यह ध्यान रखें कि आप ऊंची क्यारियों में जल निकासी के लिए पर्याप्त जगह रखें और क्यारी को ढलान में बनाएं।

इससे आवश्यकता से अधिक पानी बाहर निकल सकेगा।

  • यदि आप घर पर बागबानी करना चाहते है तो अमेज़न और फ्लिप्कार्ट जैसी ई कॉमर्स वेबसाइट से रेस्ड बेड गार्डनिंग किट मंगवा कर प्राकृतिक प्रणाली से खेती कर सकते हैं।

छत पर ऊंची उठी हुई क्यारी में कौन सी फसलें उगाई जा सकती हैं?

कृषि का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत यह भी है,कि एक जैसी ही फसल को लगातार उगाने से मिट्टी में कीटों और खरपतवार की समस्याएं बढ़ जाती है।

उठे हुए बिस्तरों में फसलों को अदल बदल कर लगाने और विभिन्न सब्जियों को  साथ में उगाने से उत्पादन में वृद्धि और पौधो में रोगों से बचाव किया जा सकता है। 

शीत ऋतू में लगाई जाने वाली सब्जियां

  • इस मौसम में आप पत्ता गोभी, फूल गोभी, मूली, गाजर, टमाटर, पालक आदि सब्जियां किचन गार्डन में उगा सकते हैं।

गर्मी के मौसम की सब्जियां

  • गर्मी के मौसम में आप मिर्च, भिंडी, टमाटर, करेला, लौकी, तुरई आदि सब्जियों को आसानी से उगा सकते है।
  • फूलों के पौधे जैसे मेरीगोल्ड,पेटूनिया, कैलेंडुला जैसे पौधों की उपज का सहारा लेकर अन्य पौधों को कीटों से सुरक्षा प्रदान करवा सकते हैं। और यह आपके गार्डन के सौंदर्यीकरण को भी बढ़ावा देता है।

साथी रोपण के अनुसार सब्जियों की पैदावार में बढ़त कैसे पायें?

यहां कुछ पौधों का संयोजन दिया गया है। जिन्हें अगर आप एक दूसरे के साथ रेज्ड बेड्स में उगाते हैं, तो यह एक दूसरे को कीटों से रक्षा में भी सहयोग करती हैं।और अच्छी उपज में सहायता भी प्रदान करती है।

  • टमाटर के साथ आप मिर्च या शतावरी का पौधा लगा सकते हैं,या कोई भी मैडिसिनल प्लांट लगा सकते हैं।
  • फूल गोभी, गाजर, खीरे, मटर आदि सब्जियों के साथ आप फलियाँ उगा सकते हैं।
  • गाजर के पौधों के पास आप मटर और रोज मेरी के पौधे लगा सकते हैं।
  • तुरई जैसी सब्जियों के साथ आप फलियों को या मूली को उगा सकते है।
उठी हुई क्यारियों में उगाई गयी फसलें

Raised Beds में पौधो की देखभाल कैसे करें?

  • उठी हुई क्यारियों में बागबानी प्रणाली में पौधों की देखभाल करने के लिए पौधों को रोजाना पानी दीजिए। जमीन की सतह से तरह से ऊपर होने की वजह से यह मिट्टी गर्मी से जल्दी सूख जाती है। इसलिए इसे पानी देकर नम बनाए रखें।
  • पानी देने के लिए ड्रिप इरीगेशन उपयुक्त साधन है।आप चाहे तो फव्वारे वाली कैन से भी पौधों में पानी दे सकते हैं।
  • छत पर किचन गार्डन बनाने के लिए इन क्यारियों में हल्का पोर्टिंग मिक्स भरिए।ताकि कीटों से भी सुरक्षा हो सके।वजन में भी हल्का रहे,और साथी रोपण के माध्यम से भी आप सब्जियों का रोग रहित उत्पादन ले सकते हैं।
  • मिट्टी की भराई करते समय हल्का पानी क्यारियों में छिड़कते रहें,ताकि मिट्टी क्यारी में व्यवस्थित हो जाए।अन्यथा रोपाई के बाद मिट्टी पानी देने से 2 इंच बैठ जाएगी।
  • Raised Beds में बीजों की रोपाई पंक्तियों के रूप में की जाती है। एक बार पौधों का रोपण करने के पश्चात 15 से 20 दिन में पौधों को खाद अवश्य दें। 
  • गोबर की खाद साइड ड्रेसिंग के रूप में पौधों को दी जा सकती है। तरल खाद का अवशोषण पौधों द्वारा आसानी से किया जाता है।तो तरल उर्वरक देना पौधो के लिए फायदेमंद होगा।
  • एक से दूसरी पौधों की फसल के बीच में कुछ अंतराल अवश्य रखें।और मिट्टी को सूखने से बचने के लिए सूखी घास की मल्चिंग करें।
  • एक से दूसरी क्यारी के पास जाने के लिए बीच से आने जाने के मार्ग की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

क्यारी को बनाने में लगने वाला खर्च और लाभ

इन क्यारियों को बनाने में लगने वाला धन हालांकि आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। लेकिन कुछ सस्ते और टिकाऊ और रीसाइकिल्ड और रीयूज़ जैसे फार्मूले अपना कर आप इस लागत को कम कर सकते हैं।

  • बड़े और उन्नत स्तर पर उठी हुई क्यारियों में बागबानी करने वाले लोगों को जो की बागबानी से पैसा भी कमाते हैं। उनके लिए यह पद्धति अधिक लागत वाली हो सकती है।
  • लेकिन एक घरेलू बागबान अगर छोटे स्तर से प्रारंभ करें, तो वह अपने भोजन की दैनिक आवश्यकताओं को अपने घर पर बागवानी करके ही सरलता से पूरी कर सकता है।
  • वह भी प्राकृतिक प्रणाली से कीटनाशक उत्पादों से मुक्त सब्जियां उगा कर अच्छे और बेहतर स्वास्थ्य का लाभ लिया जा सकता है।फ़िर शायद आपको चिकित्सक की आवश्यकता भी कम पड़े।

निष्कर्ष

ऊंची उठी हुई क्यारियों में बागबानी विशेषतया आपको झुक कर काम करने से स्वतंत्रता देती है। एक बार निवेश करने के पश्चात आप इन क्यारियों में अच्छी मात्रा में सब्जियां उगा सकते हैं,और हरियाली बढ़ा सकते हैं। sustainable gardening का एक अच्छा उदाहरण।जानकारी उपयोगी लगी तो दूसरों से भी अवश्य साझा किजीए।

सन्दर्भ

उठी हुई क्यारियों में मिट्टी की भराईhttps://www.gardeningknowhow.com/edible/vegetables/vgen/raised-bed-soil-depth.htm

Prakriti ke sathi
Prakriti ke sathihttp://prakritikesathi.com
"प्रकृति के साथी" में आपका स्वागत है! यह ब्लॉग प्रकृति, पर्यावरण और अद्भुत पौधों की रोचक कहानियों का खजाना है। हमारा लक्ष्य है प्रकृति के अनजाने पहलुओं को उजागर करना और आपको इसके करीब लाना। आइए, साथ मिलकर धरती की खूबसूरती को और गहराई से जानें!
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